आज़ादी के बाद से आज तक देश की अलग अलग अदालतों में लगभग पचास हज़ार मानहानि के मुक़दमे दायर किए गए हैं जिसमें से अधिकतर मामलों को न्यायालय ने ख़ारिज किया है। UNESCO ने 2022 में एक रिपोर्ट में यह दावा किया कि दुनियाँ के 160 देशों में इस तरह के क़ानून अभी भी लागू है और जिसका ज़्यादातर ग़लत इस्तेमाल होता है।
मानहानि क़ानून दो तरह के होते हैं। दिवानी (सिवल) क़ानून में सिर्फ़ आर्थिक दंड देने का प्रावधान है जबकि फ़ौजदारी (क्रिमिनल) क़ानून में अधिकतम दो वर्ष तक जेल के सजा देने का प्रावधान है। दुनियाँ में मानहानि से सम्बंधित क़ानून और उसका इतिहास दो हज़ार वर्ष से भी अधिक पुराना है। भारत में वर्ष 1860 में मानहानि का क़ानून बनाने वाले ब्रिटेन, के अलावा फ़्रान्स, आयरलैंड, नॉर्वे, रोमानिया, यूक्रेन, समेत दुनियाँ के तीस से अधिक देशों ने अपने अपने देश में क्रिमिनल मानहानि क़ानून को ख़त्म कर दिया है। अमेरिका में मानहानि से सम्बंधित कोई केंद्रीय क़ानून ही नहीं है।
मार्च 2023: कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर करने की धमकी दी है क्यूँकि मोदी ने संसद में उन्हें सूर्पणखा के साथ तुलना किया था।
मार्च 2023: वर्ष 2019 के राहुल गांधी के एक भाषण में मोदी को चोर बोलने के लिए गुजरात भाजपा के एक नेता और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ सूरत के न्यायालय में क्रिमिनल मानहानि का मुक़दमा किया जिसमें अंततः राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा हुई।
राहुल गांधी के इसी बयान के ख़िलाफ़ बिहार में भी सुशील मोदी ने भी राहुल गांधी पर अप्रैल 2022 में मानहानि का मुक़दमा किया जो न्यायालय में विचाराधीन है।
नवम्बर 2022: राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा यह बोलने के लिए मानहानि का मुक़दमा लगाया गया कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर के बारे में यह कहा कि ‘सावरकर ने अंग्रेजों से माफ़ी माँगकर आज़ादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों के साथ विश्वासघात किया था।’ मुक़दमा करने वाले एकनाथ सिंदे के सहयोगी वंदना डोंगरे हैं। इसी मामले में एक अन्य मुक़दमा सावरकर के पोते विनायक दामोदर ने भी किया है।
जुलाई 2022: भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ इस बात के लिए मानहानि का मुक़दमा लगाया क्यूँकि उन्होंने यह आरोप लगाया था कि स्मृति ईरानी की बेटी गोवा में एक बार चलाती है जो गैर-क़ानूनी है।
2021: ‘Me-Too’ के दौरान राज्य सभा संसद एम जे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा उनके ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप पर मानहानि का केस करने पर न्यायालय ने केस ख़ारिज कर दिया यह कहते हुए कि महिला को सेक्शूअल हिंसा के ख़िलाफ़ बोलने के लिए न्यायालय में नहीं घसीटा जा सकता है।
दिसम्बर 2021: कांग्रेस नेता विवेक तनखा ने भाजपा नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ख़िलाफ़ प्रदेश के पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में दस करोड़ का मानहानि का मुक़दमा किया था
अप्रैल 2019: भाजपा कार्यकर्ता कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा जयपुर रैली के दौरान यह बोलने के लिए लगाया गया कि उन्होंने अमित शाह को हत्या का आरोप बोला था।
2019: इसी वर्ष राहुल गांधी ने झारखंड में एक कांग्रेस सम्मेलन के दौरान फिर से यह कहा कि, ‘कांग्रेस भाजपा की तरह किसी हत्यारे को पार्टी का अध्यक्ष के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है।’ इसके ख़िलाफ़ चायबासा के भाजपा कार्यकर्ता प्रताप कटियार और राँची के भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा ने राहुल गांधी पर मानहानि का मुक़दमा किया।
झारखंड की एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने ‘मेक इन इंडिया’ को ‘रेप इन इंडिया’ बोला था जिसके ख़िलाफ़ एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा उनपर मानहानि का केस किया गया।
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नवम्बर 2018: रिलायंस के मालिक अनिल अम्बानी ने गुजरात में 28 मानहानि के मुक़दमे दायर किया जब उनपर राफ़ेल डील में स्कैम का आरोप लगा। इसमें से आठ केस विपक्ष पार्टी के नेता और 20 केस न्यूज़ चैनल, पत्रकार और ऐक्टिविस्ट के ख़िलाफ़ थे।
सितम्बर 2018: शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता केके मिश्रा के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया जब उन्होंने मध्य प्रदेश प्रफ़ेशनल परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया था। 2022 में इस याचिका को उच्च न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया।
सितम्बर 2018: राफ़ेल विमान के ऊपर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “‘भारत के कमांडर-इन-थीफ के बारे में दुखद सच्चाई।’ इस ट्वीट के ख़िलाफ़ भाजपा नेता महेश श्रीमल ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा किया।
फ़रवरी 2018: कांग्रेस नेता ख़ुशबू सुंदर ने एक ट्वीट में लिखा था, “…हर मोदी के आगे भ्रष्टाचार सरनेम लगा हुआ है…मोदी मतलब भ्रष्टाचार…मोदी का मतलब अब भ्रष्टाचार कर देना चाहिए…नीरव, ललित, नमो…” अब ख़ुशबू सुंदर भाजपा में हैं और इनके ख़िलाफ़ किसी ने कोई मुक़दमा नहीं किया।
सितम्बर 2017: गौरी लंकेश की हत्या के बाद राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी देते हुए होला था, ‘जो कोई भी भाजपा की विचारधारा के खिलाफ, आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, उस पर दबाव डाला जाता है, पीटा जाता है, हमला किया जाता है और यहां तक कि उसे मार दिया जाता है।’ राहुल गांधी के इस बयान के ख़िलाफ़ ध्रुतिमान जोशी और आदित्य मिश्रा ने मानहानि का मुक़दमा किया था। इसी सम्बंध में राहुल गांधी पर एक अन्य मुक़दमा संघ कार्यकर्ता विवेक चंपनेकर ने भी किया था।
मई 2017: NCP नेता छगन भुजबल ने एक ऐक्टिविस्ट के ख़िलाफ़ केस किया क्यूँकि उसने आरोप लगाया था कि भुजबल को कुछ ऐसी सुविधाएँ मिल रही थी जिसका उन्हें अधिकार नहीं है।
मई 2017: आम आदमी पार्टी के सतेन्द्र जैन ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा किया था जिसके बाद वर्ष 2022 में कपिल मिश्रा ने माफ़ी मंगी थी।
जनवरी 2017: सावरकर के पोते रंजित सावरकर ने एक पत्रिका के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा किया कि पत्रिका ने एक भ्रामक लेख में सावरकर के बारे में यह लिखा था कि सावरकर ने तिरंगे का विरोध किया था, देश के विभाजन का समर्थन किया था और जेल से छूटने के बाद आज़ादी की लड़ाई में कुछ योगदान नहीं दिया था।
जुलाई 2016: देश की सर्वोच्च न्यायालय ने इस क़ानून का ग़लत इस्तेमाल करने के लिए तमिलनाडु की AIADMK की सरकार को फटकार लगाई थी।
अगस्त 2015: अहमदाबाद सहकारिता बैंक के अध्यक्ष अजय पटेल ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा यह बोलने के लिए लगाया गया कि ‘अमित शाह अहमदाबाद सहकारिता बैंक के डिरेक्टर थे जब नोटबंदी के दौरान इस बैंक ने 750 करोड़ रुपए के नोट बदले थे।’
2015-16: भाजपा नेता सभ्रमण्यम स्वामी ने सर्वोच्च न्यायालय में यह गुहार लगाई कि मानहानि का फ़ौजदारी (क्रिमिनल) क़ानून ख़त्म कर दिया जाए लेकिन न्यायालय ने मामले को ख़ारिज कर दिया।
2014 से पहले मानहानि:
2014: अनिल अम्बानी और मुकेश अम्बानी दोनो ने पत्रकार परंजिता ठाकुरदा के ख़िलाफ़ उनके किताब ‘Gas Wars’ के लिए मानहानि का मुक़दमा किया। इस किताब में पत्रकार ने दोनो उद्दयोगपतियों द्वारा गैस के व्यापार में कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
मार्च 2014: संघ सदस्य राजेश कूँटे ने 6 मार्च 2014 को महाराष्ट्र के ठाणे में एक रैली के दौरान राहुल गांधी द्वारा के यह बोलने के लिए कि ‘RSS के लोगों ने गांधी जी की हत्या की थी’ राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा लगाया। याचिकाकर्ता का दावा था कि नाथूराम गोडसे ने जब गांधी जी की हत्या की थी तब वो RSS के सदस्य नहीं थे।
जनवरी 2014: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भाजपा नेता अरुण जेटली और प्रेम कुमार धूमल के ख़िलाफ़ इसलिय मानहानि का मुक़दमा दायर किया क्यूँकि उन्होंने कहा था कि वीरभद्र सिंह किसी उद्योगपति को फ़ेवर कर रहे हैं।
2013: आम आदमी पार्टी ने एक वेब पोर्टल और TV चैनल के ख़िलाफ़ फ़र्ज़ी स्टिंग ऑपरेशन करने के लिए मानहानि का मुक़दमा दायर किया।
जून 2010: 5 जून को भाजपा की एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेहरू ने बच्चों के लिए कुछ नहीं किया। इसके ख़िलाफ़ कांग्रेस युवा मोर्चा के राज्य सचिव चारमेष शर्मा ने मोदी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा किया। न्यायालय ने इस केस को ख़ारिज कर दिया।
1998: महाराष्ट्र के अख़बार लोकमत के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया गया क्यूँकि अख़बार ने एक खबर छापी थी जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा के पाँच सदस्यों पर सरकारी फंड का ग़लत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। न्यायालय ने इस केस को निरस्त कर दिया था।
1860: ब्रिटिश सरकार ने देश में पहला मानहानि का क़ानून (IPC 499) बनाया।
कभी न ख़त्म होने वाली सूची:
2012 से 2021 के दौरान तमिलनाडु की AIADMK सरकार ने विपक्षी पार्टी, मीडिया, समाजसेवी, ऐक्टिविस्ट और आम जनता के ख़िलाफ़ लगभग 130 मानहानि के केस दर्ज किए थे जिसे बाद में 2021 में तमिलनाडु में DMK की सरकार बनाने के बाद सरकार ने इन केस निरस्त कर दिया था। आज भी आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के ऊपर 33 मानहानि के मुक़दमे हैं। इलाहबाद के एक व्यक्ति ने अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया था।
वर्ष 2009 में ब्रिटिश सरकार ने दो सौ से अधिक मानहानि के मुक़दमे को रद्द कर दिया और इस क़ानून को ही ख़त्म कर दिया। इटली के प्रधानमंत्री ने एक स्थानीय लेखक Roberto Saviano के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा किया जब उस लेखक ने प्रधानमंत्री के पलायन नीति की आलोचना किया था।

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