HomeCurrent Affairsबिहार सरकार में छुट्टी कम : योगी राज से लेकर गुजरात मॉडल...

बिहार सरकार में छुट्टी कम : योगी राज से लेकर गुजरात मॉडल में कितने छुट्टी मिलते हैं?

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने त्योहारों के मौसम यानी की सितम्बर, अक्तूबर और नवम्बर महीने के दौरान स्कूलों में होने वाली छुट्टीयों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दिया है, यानी कि 12 दिन छुट्टी कम कर दिया गया। इस मुद्दे पर बिहार में बवाल मचा हुआ है। विपक्ष बिहार सरकार के इस फ़ैसले को हिंदू विरोधी बता रही है क्यूँकि जिन दिनों की छुट्टी रद्द की गई है उसमें एक दिन का जन्माष्टमी की छुट्टी, दो दिन का तीज का छुट्टी, और एक दिन का जीउतीया का छुट्टी भी शामिल है जिसे रद्द किया गया है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि हिंदुस्तान के अन्य राज्यों में, इन्हीं तीन महीनों के दौरान, यानी की सितम्बर, अक्तूबर, और नवम्बर के दौरान कितनी छुट्टियाँ मिलती है? इस साल यानी की 2023 में कितनी छुट्टियाँ मिल रही है? और उसमें भी हिंदू सम्राट योगी बाबा के उत्तर प्रदेश में कितनी छुट्टी मिल रही है ? या फिर गुजरात मॉडल में कितनी छुट्टियाँ मिल रही है इसी तीन महीने के दौरान? बिहार के विद्यालयों में तो छुट्टी कम कर दी गई है, तो क्या बिहार के विश्वविद्यालयों में भी छुट्टी कम की जाएगी?  

इस लेख का विडीओ देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://youtu.be/cTosUu4yLPQ

बिहार के विद्यालय शिक्षा में तो इस साल छुट्टी कम कर दी गई है। लेकिन सवाल उठता है कि बिहार में विश्वविद्यालयों में ये भरमार छुट्टी कब कम होगी? बिहार के पटना यूनिवर्सिटी समेत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में इस साल अक्तूबर महीने  आठ छुट्टी है जबकि इसी अक्तूबर में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में मात्र तीन छुट्टी है। इसी तरह से नवम्बर महीने में बिहार के यूनिवर्सिटीयों में 11 दिन की छुट्टी है जबकि उत्तर प्रदेश के यूनिवर्सिटीयों में मात्र पाँच दिन की छुट्टी है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी छुट्टी का नियम अलग अलग है लेकिन बिहार जितना छुट्टी कहीं नहीं मिलता है।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दशहरा और दिवाली की तीन तीन दिन की छुट्टी मिलती है लेकिन यहाँ न भैया दूज की छुट्टी मिलती है न, गोवर्धन पूजा कि और ना ही तीज या जितिया की छुट्टी मिलती है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में तो फिर भी दशहरा और दिवाली में तीन तीन दिनों की छुट्टी मिल जाती है लेकिन बनारस के ही IIT में दिवाली और दशहरा की मात्र एक एक दिन छुट्टी मिलती है।

IIT बनारस में इन दो छुट्टी के अलवा पूरे अक्तूबर और नवम्बर महीने में सिर्फ़ गांधी जयंती और गुरु नानक जयंती को छुट्टी मिलती है। यानी की अक्तूबर और नवम्बर दोनो महीने में मिलाकर कुल मात्र चार छुट्टियाँ मिलती है IIT बनारस में। तो क्या ये कहा जाना चाहिए कि बिहार का पटना विश्वविद्यालय ज़्यादा सनातनी है और उससे थोड़ा कम सनातनी BHU है और उससे भी कम सनातनी IIT बनारस है?

देश के अलग अलग राज्यों और अलग अलग शिक्षण संस्थानों में एक ही त्योहार के दौरान कम या ज़्यादा दिन की छुट्टी इसलिए होती है क्यूँकि अलग अलग राज्यों में, अलग अलग अलग शिक्षण संस्थानो में, अलग अलग त्योहारों का महत्व भी अलग अलग होता है। और उन त्योहारों की ज़रूरत भी अलग अलग होती है।

यही कारण है कि दिल्ली के स्कूलों में आज भी दशहरा के दौरान दस दिनों की छुट्टी होती है जबकि इसी दशहरा के दौरान गुजरात में मात्र एक दिन की छुट्टी होती है। जिस दिवाली के दौरान गुजरात के स्कूलों में 21 दिनों की छुट्टी होती है उसी दिवाली के दौरान दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश और बिहार के स्कूलों में दिवाली की मात्र एक दिन की छुट्टी होती है।

छुट्टीयां: UP और बिहार

उत्तर प्रदेश त्योहारों में छुट्टी देने के मामले में बिहार से सिर्फ़ एक मामले में आगे है। बिहार सरकार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा को स्कूलों में छुट्टी नहीं दे रही है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार कृष्ण जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा की स्कूलों में छुट्टी दे रही है। लेकिन ये भी ध्यान रखना चाहिए कि बिहार में अनंत चतुर्दशी की भी छुट्टी होती है लेकिन उत्तर प्रदेश में अनंत चतुर्दशी की छुट्टी नहीं होती है। और ये भी ध्यान रखना चाहिए कि बिहार में छठ के मौक़े पर दो दिन की छुट्टी होती है जबकि उत्तर प्रदेश में छठ के मौक़े पर एक भी दिन की छुट्टी नहीं मिलती है।

क्या योगी सरकार ये कह सकती है कि उत्तर प्रदेश में छठ पूजा नहीं होता है? या फिर योगी सरकार पूर्वांचल को उत्तर प्रदेश का हिस्सा ही नहीं मानती है जहां आज भी हर घर में छठ पूजा होता है। मतलब ये हुआ कि उत्तर प्रदेश जो दो छुट्टी छठ के मौक़े पर नहीं देती है वो दो छुट्टी कृष्ण जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा दे दिन दे देती है और बिहार सरकार जो कृष्ण जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा के दिन दो छुट्टी नहीं देती है उसके बदले छठ पूजा के दौरान दो दिन की छुट्टी दे देती है। मतलब उत्तर प्रदेश और बिहार में छुट्टियों की संख्या बराबर है। 

अगर हम इन तीन महीने के दौरान सभी छुट्टियों को जोड़कर भी देखें तो इस साल अक्तूबर महीने में उत्तर प्रदेश में कुल चार छुट्टी है और बिहार में भी चार छुट्टी है। उत्तर प्रदेश की चार छुट्टी में शामिल है 2 अक्तूबर को गांधी जयंती 23 अक्तूबर को नवरात्र, 24 अक्तूबर को विजय दशमी, और 27 अक्तूबर को मेला शकुंभरी की छुट्टी। दूसरी तरफ़ बिहार में अक्तूबर महीने की चार छुट्टी में शामिल है 2 अक्तूबर को गांधी जयंती और 22, से 24 अक्तूबर पर दशहरे की तीन दिन की छुट्टी।

इसे भी पढ़े: कैसे बनी उर्दू बिहार की दूसरी अधिकारिक भाषा और क्यूँ पिछड़ा भोजपुरी, मगधी या मैथिली इस लड़ाई में?

इसी तरह नवम्बर महीने में उत्तर प्रदेश में चार छुट्टी है और बिहार में भी चार छुट्टी है। नवम्बर महीने में उत्तर प्रदेश में चार छुट्टी में से 12 नवम्बर को दिवाली की छुट्टी, 13 नवम्बर को गोवर्धन पूजा की छुट्टी, 15 नवम्बर को भैयादूज की छुट्टी, और 27 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा की छुट्टी शामिल है। दूसरी तरफ़ बिहार में नवम्बर महीने की चार छुट्टी में 12 नवम्बर को दिवाली की छुट्टी, 15 नवम्बर को भैयादूज की छुट्टी, और 19-20 नवम्बर को छठ की छुट्टी शामिल है। दिसम्बर में उत्तर प्रदेश और बिहार दोनो जगह एक-एक छुट्टी क्रिसमस के दौरान है।

कहने का मतलब ये है कि उत्तर प्रदेश और बिहार दोनो जगह इस साल त्योहारों के मौसम के दौरान यानी की अक्तूबर और नवम्बर महीने के दौरान बराबर बराबर छुट्टियाँ है, मतलब की दोनो राज्य में 8-8 छुट्टियाँ है। इस वर्ष से पहले बिहार में हद से ज़्यादा छुट्टियाँ हुआ करती थी लेकिन इस साल बिहार सरकार ने छुट्टियाँ कम किया और अन्य राज्यों के बराबर छुट्टियाँ किया है।

2022 के दौरान भी उत्तर प्रदेश में दशहरा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा के बीच मात्र सात छुट्टियाँ थी लेकिन बिहार में इसी दौरान   बारह दिनों की छुट्टी दी गई थी। हालाँकि बिहार में हमेशा से इतना ज़्यादा छुट्टियाँ नहीं दी जाती थी। पिछले साल ही शिक्षा विभाग ने कुल छुट्टियों की संख्या में पाँच दिन की छुट्टी बड़ा दिया था वरना पहले बिहार में भी उत्तर प्रदेश के ही बराबर छुट्टी मिलती थी। 

शिक्षा के अधिकार क़ानून 2009 के तहत देश के सभी राज्यों को बार बार यह निर्देश दिया गया है कि वो अपने अपने राज्यों में कम से कम 220 दिन विद्यालय खोलें। दिल्ली में पहले हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार के साथ साथ महीना के आख़री दिन भी स्कूल में छुट्टी रहा करती थी, जिसे 2018 के बाद बंद कर दिया गया था क्यूँकि शिक्षा अधिकार क़ानून के तहत कम से कम 220 दिन विद्यालय खुला रखना क़ानूनी हो गया था।

बिहार के भी शिक्षा विभाग ने यही तर्क दिया है अपने अधिसूचना में कि शिक्षा अधिकार क़ानून लागू करने के लिए बिहार के  विद्यालयों में छुट्टी कम करना ज़रूरी है। मीडिया और विपक्ष को चाहिए कि इस तरह के बदलाव को विश्वविद्यालयों में भी लागू करवाने के लिए विश्व विद्यालय प्रशासन पर दवाव बनाए लेकिन मीडिया और विपक्ष तो शिक्षा अधिकार क़ानून में भी हिंदू-मुस्लिम ढूँढ रही है।

HTH Logo
Hunt The Haunted के WhatsApp Group से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें (Link
Hunt The Haunted के Facebook पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें (लिंक)
Sweety Tindde
Sweety Tinddehttp://huntthehaunted.com
Sweety Tindde works with Azim Premji Foundation as a 'Resource Person' in Srinagar Garhwal.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Current Affairs