पहाड़ का किताब ऋंखला: 2 (Proverbs & Folklore of Kumaun And Garhwal)

'Proverbs & Folklore of Kumaun And Garhwal' किताब अंग्रेजों के कार्यकाल के दौरान लिखा गया है पर लिखने वाला एक पहाड़ी हो।

1
949
किताब

Book Name: Proverbs & Folklore of Kumaun And Garhwal

Author: Pandit Ganga Datt Upreti

Year Published: 1894 A.D.

03Click To download This Book

किताब डाउनलोड करने में कोई समस्या हो तो कमेंट बॉक्स में अपना ईमेल आईडी लिखें

पंडित गंगा दत्त उप्रेती द्वारा संग्रहित और वर्ष 1894 में प्रकाशित ‘Proverbs & Folklore of Kumaun And Garhwal’ कुमाऊँ और गढ़वाल के समाज और संस्कृति को एतिहासिक रूप से समझने का एक नायाब नमूना है। तक़रीबन 450 पृष्ट में बिखरी ये किताब दो सौ विषयों में विभाजित लगभग पंद्रह सौ से अधिक कुमाऊँनी कहावतों का ये संग्रह अंग्रेज़ी में है जिसका हिंदी में अनुवाद होना चाहिए। 

इस किताब में सबसे बड़ी कमी यह है कि ये कुमाऊँनी और गढ़वाली कहावतों में अंतर नहीं करता है। यानी कि यह जानने के लिए कि कौन सी कहावत कुमाऊँनी और कौन सी गढ़वाली कहावत है, आपको ऐसे व्यक्ति से सम्पर्क करना पड़ेगा जो कुमाऊँनी या गढ़वाली भाषा जनता हो। इतना ही नहीं, चुकी बोलचाल की कुमाऊँनी और गढ़वाली भाषा हर चार कोश पर बदलती है तो हो सकता है कि कुमाऊँ और गढ़वाल के स्थानीय लोग भी इन कहावतों का अर्थ न समझा पाएँ।

अब चुकी ये कहावतें लगभग डेढ़ सौ वर्ष पहले संग्रहित की गई थी तो आपको कई कुमाऊँ और गढ़वाल के स्थानीय लोग मिल जाएँगे जो किताब में संग्रहित कई कहावतों को कभी भी न सुने हो। कहावतें भी समय के साथ इतिहास की रफ़्तार में सफ़र तय करती हैं। समय के साथ कुछ कहावतें स्मृति से मिट जाती है, कुछ धूमिल और कुछ नए कहावतें भी आ जाती हैं। 

इसे भी पढ़े: पहाड़ का किताब ऋंखला:6 (Dancing With Self: Personhood and Performance in The Pandav Leela of Garhwal)

संग्रहकर्ता गंगा दत्त उप्रेती अंग्रेज़ी सरकार में कुमाऊँ के सहायक कमिशनर हुआ करते थे और कार्यअवकाश के बाद ये महत्वपूर्ण संग्रह तैयार किया। अंग्रेज़ी काल के प्रशासनिक अधिकारियों और आज के प्रशासनिक अधिकारियों में आपको एक ख़ास अंतर मिलती है। अंग्रेज़ी काल का हर दूसरा प्रशासनिक अधिकार आपको किताब लिखता मिल जाएगा जबकि आज के दौर में विरले ही प्रशासनिक अधिकारी मिलेंगे जो किताब लिखते हो, शायद किताबें पढ़ने वाले प्रशासनिक अधिकारी भी कम ही मिलेंगे। आजकल प्रशासनिक अधिकारी बुद्धिजीवी कम और सिंघम बनना अधिक पसंद करते हैं। 

इस किताब को आप हमारे वेब्सायट (HuntTheHaunted.com)के अलावा archive.org से भी मुफ़्त में डाउनलोड कर सकते हैं और अगर किताब को हाथों में लेकर ही पढ़ने के शौक़ीन है तो फिर अमेजन या फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन भी उपलब्ध है पर आपको जेब ढीले करने पड़ेंगे। इस पुस्तक की क़ीमत 2200 से 2400 रुपए तक है।

HTH Logo
Hunt The Haunted के WhatsApp Group से  जुड़ने  के  लिए  यहाँ  क्लिक  करें (लिंक)
Hunt The Haunted के Facebook पेज  से  जुड़ने  के  लिए  यहाँ  क्लिक  करें (लिंक)

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here