HomeCurrent Affairsकब, क्यूँ और कैसे बढ़ा बिहार में ई-स्कूटी का प्रचलन ?

कब, क्यूँ और कैसे बढ़ा बिहार में ई-स्कूटी का प्रचलन ?

बिहार में बैटरी से चलने वाली पहली ई-स्कूटी मतलब इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर साल 2004 में मधेपुरा में ख़रीदा गया था और दूसरा अगले साल 2005 में मुज़फ़्फ़रपुर में और तीसरा छपरा में साल 2007 में ख़रीदा गया था। साल 2006 में पूरे बिहार में एक भी ई स्कूटर नहीं ख़रीदा गया था लेकिन साल 2008 में तीन इलेक्ट्रिक स्कूटर ख़रीदा गया: एक सिवान में, एक गोपालगंज, और एक भोजपुर में। पटना में पहली ई-स्कूटी साल 2009 में ख़रीदी गई। साल 2009 में पूरे बिहार में 14 ई-स्कूटी ख़रीदे गए जिसमें से 12 अकेले पटना में ख़रीदी गई थी।

साल 2017 तक पूरे बिहार में मात्र 130 ई-स्कूटी बिके थे और उसमें से भी 93 सिर्फ़ 2009 से लेकर 2012 के बीच बिके थे जब भारत में पेट्रोल की क़ीमत 44 रुपए 70 पैसा से बढ़कर 65 रुपए 60 पैसे हो गए थे यानी कि लगभग पचास प्रतिशत की वृद्धि हुई थी पेट्रोल के दामों में इन चार सालों के दौरान और उसी दौरान बिहार में 80 प्रतिशत ई-स्कूटी बिके थे। इसी तरह राष्ट्रीय स्तर के भी, आँकड़े ऐसे ही पेट्रोल के बढ़ते दाम और ई-स्कूटी की बढ़ती बिक्री के बीच गहरे सम्बंध का ज़िक्र करता है। 

उदाहरण के लिए साल 2020 और 2023 के बीच दिल्ली में पेट्रोल का दाम 79 रुपए 76 पैसे से बढ़कर 105 रुपए 41 पैसे तक पहुँच गया था। यानी की पेट्रोल के दाम में इन तीन सालों के दौरान लगभग 31 प्रतिशत की वृद्ध हुई थी और इन्हीं तीन सालों के दौरान भारत में ई-स्कूटी की बिक्री में लगभग पच्चीस गुना की वृद्धि हुई है।

ई-स्कूटी और पेट्रोल के दाम:

साल 2020 में जब दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत 79.76 रुपए थी उस साल पूरे हिंदुस्तान में मात्र 27,015 ई-स्कूटी की बिक्री हुई थी और साल 2022 में जब पेट्रोल का दाम 105.41 रुपए तक पहुँच गया तो उस साल भारत में कुल 6,27,068 ई-स्कूटी बिके हैं। इस साल यानी कि 2023 के अक्तूबर महीने तक भारत में कुल 6,72,599 ई-स्कूटी बिक चुके हैं जबकी धनतेरस अभी आना बाक़ी है जब इस देश में सबसे ज़्यादा गाड़ियाँ धनतेरस से लेकर नव वर्ष के दौरान ही बिकती है। 

इसी तरह बिहार में भी इन्हीं तीन सालों के दौरान यानी की 2020 से 2023 के दौरान ई-स्कूटी की बिक्री में 26 गुना की वृद्धि देखने को मिली है। जिस बिहार में साल 2020 में मात्र 384 ई स्कूटर बिके थे उसी बिहार में साल 2022 में 9935 ई स्कूटर बिके हैं। बिहार में बिकने वाले ई स्कूटर के आँकड़ों को ज़िला स्तर तक अध्ययन करते हैं तो और भी चौकाने वाले तथ्य सामने आते हैं। जैसा कि विडीओ के शुरू में ही हमने आपको बताया था कि बिहार में पहला, दूसरा या तीसरा ई स्कूटर पटना में नहीं बल्कि मधेपुरा, मुज़फ़्फ़रपुर, सिवान, छपरा, गोपालगंज में ख़रीदा गया था।

पटना में पहला ई-स्कूटी साल 2009 में ख़रीदा गया लेकिन आज पूरे बिहार में सबसे ज़्यादा ई स्कूटर पटना में ही बिक रहा है। अब तक पूरे बिहार में कुल 23,294 ई स्कूटर बिक चुके हैं जिसमें से अकेले पटना में सर्वाधिक 8168 ई-स्कूटी बिके हैं। गया ज़िला 1578 ई-स्कूटी के साथ दूसरे स्थान पर है जबकी आश्चर्यजनक रूप से समस्तिपुर 1477 ई स्कूटर की बिक्री के साथ तीसरे स्थान पर है।

इसे भी पढ़े: विश्व युद्ध, इटली, स्कूटर और महिला क्रांति: हिंदुस्तान से इटली तक इतिहास को दोहराता इतिहास।

बिहार के सबसे सम्पन्न ज़िलों में बेगुसराय, नालंदा, जैसे ज़िलों में अब तक मात्रा 181 और 593 ई-स्कूटी बिके हैं इसी तरह बिहार के सर्वाधिक साक्षर ज़िले रोहतास में मात्र 830 स्कूटर बिके हैं। यानी की ई स्कूटर का बढ़ता प्रचलन का सम्बंध न तो शिक्षा से है और न ही विकास के स्तर से है।

इसी तरह से ई-स्कूटी का जातियों के साथ भी कोई सम्बंध नहीं है। बिहार के तीन ज़िले नवादा, मुज़फ़्फ़रपुर, और बेगुसराय जहां स्वर्णों कि आबादी सर्वाधिक मानी जाती है वहाँ ई स्कूटर का प्रचलन सबसे कम है जबकी गया और समस्तिपुर जैसा ज़िला जहां दलितों की जनसंख्या सर्वाधिक है वहाँ पूरे बिहार में पटना को छोड़कर सर्वाधिक ई स्कूटर बिके हैं। 

पूरे बिहार में प्रत्येक 397 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है, और इसमें भी सबसे अच्छा अनुपात सेवहर ज़िले का है जहां प्रत्येक 108 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है जबकि वैशाली में प्रत्येक 4063 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है और अररिया में प्रत्येक 6106 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है।

बाहर बनाम अन्य राज्य:

दूसरे राज्यों से तुलना करें तो बिहार की स्थिति उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से अच्छी है लेकिन अन्य राज्यों से ख़राब है। जहां बिहार में प्रत्येक 397 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है वहीं उत्तर प्रदेश में प्रत्येक 517 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है और पश्चिम बंगाल में प्रत्येक 642 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है।

लेकिन साल 2023 के दौरान उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल दोनो बिहार से आगे निकल गया है। इस साल यानी कि 2023 के अक्तूबर तक बिहार में बिके प्रत्येक 83 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक बिकी है जबकि उत्तर प्रदेश में प्रत्येक 64 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक  बिकी है और पश्चिम बंगाल में प्रत्येक 78 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक है। बिहार का ही पड़ोसी झारखंड में प्रत्येक 54 पेट्रोल बाइक पर एक ई बाइक बिकी है। यानी ई बाइक के प्रचलन के मामले में झारखंड भी बिहार से आगे निकल रहा है। 

हालाँकि ऐसा नहीं है कि बिहार सरकार एलेक्ट्रिक वाहनों को किसी भी अन्य राज्य से कम प्रोत्साहन दे रही है। दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद बिहार ई बाइक पर सबसे ज़्यादा सब्सिडी देने वाला राज्य है। दिल्ली सरकार ई स्कूटर पर 30 हज़ार की सब्सिडी देती है जबकी महाराष्ट्र 25 हज़ार की और बिहार 20 हज़ार की सब्सिडी देती है और उसके साथ सत प्रतिशत रोड टेक्स में छूट देती है।

वहीं दूसरी तरफ़ यहीं बग़ल में उत्तर प्रदेश में ई स्कूटर ख़रीदने पर एक रुपए का भी सब्सिडी नहीं मिलता है लेकिन इसके बावजूद उत्तर प्रदेश इस साल 2023 में ई बाइक बेचने के मामले में बिहार से आगे निकल गया है। इतना सब्सिडी देने के बावजूद अगर बिहार ई स्कूटर के प्रचलन में अन्य राज्यों से पीछे है तो ज़रूरत है अधिक जागरूकता की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हिंदुस्तान उन विरले मुख्यमंत्रियों में से एक हैं जो ई कार यानी इलेक्ट्रॉनिक कार यानी की बैटरी से चलने वाली कार का इस्तेमाल करते हैं। नीतीश कुमार साल 2019 से ही ई कार का इस्तेमाल कार रहे हैं और ऐसा करने वाले वो सम्भवतः देश के पहले मुख्यमंत्री थे। नीतीश कुमार के अलावा मेघालय, और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी ई कार का इस्तेमाल करते हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार ने साल 2030 तक सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए ई कार का इंतज़ाम करने का लक्ष्य तो रख लिया है लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ खुद पेट्रोल की गाड़ी से चलते हैं। 

साल 2021-22 के दौरान बिहार पूरे हिंदुस्तान के पाँच ऐसे राज्यों में से एक था जहां सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहन का रेजिस्ट्रेशन था। इसी तरह साल 2020-21 के दौरान भी बिहार पाँच प्रमुख राज्य में से एक था। बिहार में 2022-23 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की संख्या में तक़रीबन 56% की वृद्धि हुई थी। लेकिन बिहार पूरे हिंदुस्तान में जनसंख्या की दृष्टि से भी तो  तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। बिहार में ई स्कूटर को प्रोत्साहित करने के लिए अभी बिहार सरकार को और भी बहुत कुछ करना बाक़ी है।

ज़रूरत:

उदाहरण के लिए पूरे बिहार में मात्रा एक ई वाहन चार्जिंग point है जो फुलवारीशरीफ़ में जहां ई स्कूटर को चार्ज किया जा सकता है। ज़रूरत है कि पूरे बिहार में ऐसे और भी ई वाहन चार्जिंग point खोले जाएँ। जब बिहार में एक भी ई स्कूटर का शोरूम नहीं खुला था तब कई स्कैम हुए स्कूट्य डिलिवर करने के नाम पर पटना में भी सरकार को इस तरह की धांधली को भी रोकना पड़ेगा और बिहार को इसकी और ई स्कूटर की सर्वाधिक ज़रूरत भी है। 

साल 2019 में बिहार का गया शहर हिंदुस्तान का चौथा सर्वाधिक प्रदूषित शहर था जबकि पटना पाँचवाँ सर्वाधिक प्रदूषित शहर था। साल 2023 में भी पूरी दुनियाँ के पचास सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से अकेले बिहार से सात शहर आते हैं जिसमें से दरभंगा, पटना, छपरा, मुज़फ़्फ़रपुर, गया, भागलपुर और हाजीपुर प्रमुख है। दूसरी तरफ़ भागलपुर ज़िले में प्रत्येक 670 पेट्रोल बाइक पर मात्र एक ई बाइक है और दरभंगा में 892 पेट्रोल बाइक पर मात्र एक ई बाइक है। पटना में पिछले कुछ सालों के दौरान ई बाइक की संख्या बढ़ी है लेकिन एलेक्ट्रिक बस, टैक्सी और ऑटो आदि की संख्या अभी भी नगण्य है।

साल 2018 में ही पटना NIT द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार पटना में 22% लोग ऑटो का इस्तेमाल करते हैं, 22 % ही सायकल का इस्तेमाल करते हैं।, 21-21 % लोग मोटेरसाइकल और बस का इस्तेमाल करते हैं, 6 % पैदल चलते हैं, चार प्रतिशत रिक्सा का और चार ही प्रतिशत कार का इस्तेमाल करते हैं। जबकि पूरे पटना में मात्रा पच्चीस ही एलेक्ट्रिक बसें है यानी की जिस बस से 21% पटना के लोग सफ़र करते हैं उनके लिए मात्रा 25 बैटरी वाली बस है।

आज भी बिहार में मात्रा एक लख 60 हज़ार ही ई रिक्शा है जबकि अभी भी 4 लाख 18 हज़ार डीज़ल वाले ऑटो है जो सर्वाधिक प्रदूषण करते हैं। जबकि वहीं दूसरी तरफ़ उत्तर प्रदेश में पाँच लाख 70 हज़ार ई रिक्शा है और मात्रा 3 लख 90 हज़ार डीज़ल वाले ऑटो हैं। यानी की बिहार सरकार को ई वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में बहुत कुछ करना बाक़ी है।

Hunt The Haunted Logo,
WhatsApp Group Of News Hunters: (यहाँ क्लिक करें) https://chat.whatsapp.com/DTg25NqidKE… 
Facebook Page of News Hunters: (यहाँ क्लिक करें) https://www.facebook.com/newshunterss/ 
Tweeter of News Hunters: (यहाँ क्लिक करें) https://twitter.com/NewsHunterssss 
YouTube Channel: (यहाँ क्लिक करें)
 https://www.youtube.com/@NewsHunters_
Sweety Tindde
Sweety Tinddehttp://huntthehaunted.com
Sweety Tindde works with Azim Premji Foundation as a 'Resource Person' in Srinagar Garhwal.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Current Affairs