किताब का शीर्षक : Report on The Dehra Doon (1827-28)
लेखक: F. J. Shore
प्रकाशन वर्ष: 1936
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अगर आप एक दो घंटे में 1820 के दशक के देहरादून (Doon) को सम्पूर्णता में समझना चाहते हैं तो यह बेहतरीन किताब (दस्तावेज) है आपके लिए।
वर्ष 1814 में अंग्रेजों ने गोरखा को हराकर 1817 आते आते देहरादून (Doon) पर पूरी तरह क़ब्ज़ा कर लिया। वर्ष 1822 में देहरादून (Doon) को सहारनपुर ज़िले का प्रशासनिक हिस्सा और मेरठ ज़िले का न्यायिक हिस्सा बना दिया गया। फ़रवरी 1823 में F J Shore को देहरादून-जौनसार भाबर का पहला समग्र मजिस्ट्रेट व देहरादून का असिस्टेंट कमिशनर बनाकर भेजा गया। वर्ष 1822 से 1928 के दौरान अपने कार्यकाल के दौरान F J Shore ने देहरादून के विकास के लिए बहुत काम किया।
“देहरादून (Doon) पृथक ज़िला वर्ष 1876 में बना”
हालाँकि जब F J Shore यहाँ के समग्र मजिस्ट्रेट व असिस्टेंट कमिशनर बनाकर भेजे गए थे तब घाटी में बहुत समस्याएँ थी। एक तरफ़ रानी धुन कौर विद्रोह पर उतारू थी वहीं कलुआ, कौर और भोरा का घाटी में आतंक था। रानी के विद्रोह की मंशा को तो आसानी से ख़त्म कर दिया गया पर ये डाकू पूरे क्षेत्र को से हफ्ता वसूलते रहे और लूटते रहे।
पर वर्ष 1928 आते-आते F J Shore घाटी में तीनो डाकुओं के आतंक पर अंकुश लगाने के साथ-साथ घाटी में कई नहर बनवाए, लगभग 39 मिल पक्की सड़क भी बनवाई और कई नहीं पुलिस चौकियाँ भी बनवाई। अंग्रेजों के दौर में देहरादून उत्तर प्रदेश (यूनाइटेड प्राविन्स) का सर्वाधिक खुशहाल ज़िलों में से एक था जहां अंग्रेजों ने हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाई।
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अपने कार्यकाल के आख़री वर्षों में F J Shore ने मसूरी की खोज की और ये रिपोर्ट लिखी। इस रिपोर्ट में आपको देहरादून से सम्बंधित लगभग सभी जानकरियाँ मिलेगी जो आगे चलकर देहरादून डिस्ट्रिक्ट गैज़ेटीयर (1883 और 1910) में भी मिलता है। यह रिपोर्ट देहरादून के बारे में लिखा गया पहला विस्तृत ब्रिटिश दस्तावेज है जिसके लिए F J Shore देहरादून के कोने कोने में व्यक्तिगत रूप से घूमे।
वर्ष 1836 में छपी, 52 पृष्ठ के इस रिपोर्ट में आपको देहरादून के इतिहास, सिमाक्षेत्र, प्रसिद्ध मोहल्ले, एतिहासिक और महत्वपूर्ण स्थल के साथ साथ स्थानीय लोगों के खान-पान, समाज, संस्कृति, वेश-भूषा, भाषा, लोक प्रथाएँ और मान्यताओं के बारे में भी विस्तृत वर्णन मिलेगा। इस रिपोर्ट में आपको क्षेत्र में मिलने वाले प्राकृतिक संसाधनो, नदी-नाले, वन-खनिज सम्पदा, कृषि, व्यापार, जीव-जंतुओं, आदि लगभग सभी विषयों पर संक्षेप वर्णन मिलेगा।
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