26 जनवरी 2023 को हिंदुस्तान अपना 74वाँ गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस दौरान किसी विदेशी राजनेता को गणतंत्र दिवस समारोह के विशेष अतिथि के रूप में शामिल करने की परम्परा पहले गणतंत्र दिवस समारोह (1950) से ही लगातार चलती आ रही है। लेकिन इस परम्परा से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्य निम्न हैं:

अब तक 26 जनवरी:
- हिंदुस्तान अब तक 74 गणतंत्र दिवस परेड मना चुका है जिसमें से 69 बार मुख्य अतिथि शामिल हुए हैं। हालाँकि 26 जनवरी परेड में शामिल होने वाले कुल मुख्य अतिथियों की संख्या 81 है। इनकी संख्याओं में इतना अंतर इसलिए है क्यूँकि कुछ गणतंत्र दिवस परेड में कोई भी अतिथि शामिल ही नहीं हुए जबकि कुछ परेड में एक से अधिक मुख्य अतिथि शामिल हुए थे।
- वर्ष 1956, 1968, और 1976 में दो दो मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए थे जबकि वर्ष 2018 के गणतंत्र दिवस परेड में एक साथ दस देशों के प्रतिनिधि मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।
- ये अतिथि 26 जनवरी परेड ग्राउंड राष्ट्रपति के साथ उनकी बग्घी में आते थे लेकिन 2015 के परेड में चुकी मुख्य अतिथियों की संख्या 10 थी इसलिए इतिहास में पहली बार गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति के साथ राजपथ नहीं पहुँचे।
- अब तक पाँच बार 26 जनवरी परेड बिना किसी विदेशी अतिथि के मनाया जा चुका है। दो वर्ष कोरोना के कारण (2021 व 2022), एक वर्ष लाल बहादुर शास्त्री जी के निधन के कारण (1966) और दो वर्ष अकारण (1952 व 1953)
- वर्ष 1954 तक गणतंत्र दिवस परेड राजपथ पर नहीं बल्कि दिल्ली के अलग अलग स्थानो पर होते थे। (रामलीला मैदान, किंग्सवे कैम्प, आदि)
- वर्ष 1955 में राजपथ पर हुए पहले गणतंत्र दिवस परेड में पाकिस्तान के गवर्नर जेनरल मालिक ग़ुलाम मोहम्मद मुख्य अतिथि थे।
- चित्र: 26 जनवरी 1961 को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ का राजपथ पर स्वागत करते पंडित नेहरू।
- चित्र: 26 जनवरी 1961 को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ का राजपथ पर स्वागत करते पंडित नेहरू।
- हर वर्ष एक से अधिक अतिथियों को 26 जनवरी परेड के लिए आमंत्रण दिया जाता है। कई मौक़े पर कुछ देशों के राजदूतों ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आने से इनकार भी किया है।
- अब तक 53 बार अलग अलग देश के नेता 26 जनवरी परेड में मुख्य अतिथि बनने से इनकार कर चुके हैं।
- अलग अलग देशों के अब तक 31 नेता 26 जनवरी परेड में मुख्य अतिथि बनने से इनकार कर चुके हैं।
- इसमें से सर्वाधिक बार इनकार करने वाले विदेशी नेताओं में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉन मेजर, और फ़्रांस के राष्ट्रपति फ़्रान्स्वा होल्लांडे चार बार निमंत्रण रेजेक्ट करने के बाद पाँचवीं बार आमंत्रण स्वीकृत कर लिए थे।
- बांग्लादेश हिंदुस्तान का एकमात्र पड़ोसी देश है जहां से आज तक एक भी अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल नहीं हुए हैं।
- परेड में सर्वाधिक बार ब्रिटिश और फ़्रांसीसी राजदूत रहें हैं। दोनो देश से पाँच-पाँच बार अतिथि गणतंत्र दिवस में शामिल हो चुके हैं। रुस और भूटान से चार चार बार विशेष अतिथि गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हो चुके हैं।
- अमेरिका से अब तक सिर्फ़ एक बार विशेष अतिथि भारतीय गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए हैं जब वर्ष 2015 में अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति वर्ष 2015 के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे।
- प्रारम्भिक कुछ वर्षों में राष्ट्रपति परेड ग्राउंड अपने प्रसिद्ध बग्घी पर बैठकर आते थे लेकिन धीरे धीरे गणतंत्र दिवस पर इस बग्घी का इस्तेमाल ख़त्म हो गया। 1985 के बाद इसका इस्तेमाल गणतंत्र दिवस पर बिलकुल भी नहीं हुआ।
- वर्ष 2016 में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने एक बार फिर से इस बग्घी का इस्तेमाल गणतंत्र दिवस समापन समारोह के दौरान किया।

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